कल रात मुझे सजदे में फ़रिश्ता मिला
मिलकर उससे मुझे जीने का फलसफा मिला !
दिखने में था वो इंसानों सा,
पर नूर उसमे खुदा का दिखा !
देखकर मुझको वो मुस्कराया जरा सा
किया हमने भी आदाब हाथो को झुका के !
हुआ शुरू जब उससे बातो का सिलसिला
इंसानी जुबाँ में मुझे खुदा का पैगाम मिला !
पूछा हमने उससे क्या माँगते हे तुम खुदा से दुआओ में
कुछ मुरादे तो होगी तुम्हारी भी इस ज़माने में !
क्या तुम दुनिया भर की दौलते चाहते हो,
या तमाम कायनात में अपनी शोहरते माँगते हो,
बरसती हे दुआ में तुम्हारी भी अमन की आरजू,
या हे तुम्हे भी अपनों की सलामती की जुस्तजू !
सुन रहा था मेरा सवाल वो इत्मिनान से,
दिया जवाब फिर उसने मीठी जुबान में !
यु तो रहती हे मुझे भी दौलतो की चाह,
अच्छी लगती हे मुझे भी तारीफे और वाह,
अमन-ओ-सलामती की दुआ तो हर साँस में बसती हैं,
पर क्या माँगू खुदा से दुआ में वो नजराने जो इंसा को खुद कमाने होते हैं !
दौलत-शोहरत-अमन , ये कुछ भी खुदा से नहीं मांगता हु,
इनको कायम करना तो खुद इंसा के हाथ में होता हैं !
सबसे पहले तो में खुदा से ये जोश कायम रहने की दुआ करता हु,
जोश, जो मुझे जिन्दा होने का अहसास दे
फिर चाहता हु एक जूनून
वो जूनून, जो जिंदगी को जीने की वजह दे
और बस चाहिए एक जज्बा , जो हर जंग लड़ने का होसला दे
जैसी भी हो ज़िन्दगी , जिन्दादिली की शमा न बूझने दे !
बन्दे का सर खुदा के सजदे में जब भी झुकता हैं,
बस ये जोश-जूनून-जज्बा कायम रखने की दुआ करता हैं !
करके फिर खुदा हाफिज़ वो रुखसत हुआ सजदे से,
सोच रहा था मैं, कुछ तो खास हे इस फ़रिश्ते की दुआओ में !
5 responses to “फ़रिश्ते की दुआ”
” kaise likh leta hai yaar itane achhe2 article… really nice one :)”
LikeLike
Awesome thoughts and beautiful way of expressing them!
I always look forward for your articles, specially poetry.
Keep writing! 🙂
LikeLike
Thanks Ankita 🙂
LikeLike
cool
LikeLike
काश मै यह अपनी जवानी में पढ़ पाता ये उपरवाले इनसे और अछी ,अछी बाते लिखाओ हर पढने वाले की जिन्दगी में अच्छा बदलाव आये ,शुक्रिया, खुदा आपको लम्बी खुशहाल जिन्दगी ,दे
LikeLike