Hell of IT Industry


ना सुकून हैं, ना शोहरत हैं,
जो मिली, वो बस थोड़ी सी दौलत हैं !
और जले हैं अरमाँ जिसमे धू-धू कर,
ज़िन्दगी उसी राख़ की रौनक हैं !!

एक पल की ज़िन्दगी में
कितनी ज्यादा मेहनत हैं!
जिंदा हैं फिर भी कैसे मर-मरकर
इसी बात की हमें हैरत हैं!

वक़्त नहीं हैं रुकने का,
वक़्त नहीं हैं सोने का,
काम दोनों समय में करने का,
भारत का और अमरीका का !

फ्लैट मोनिटर में सिमटी अपनी दुनिया,
पार्टी पिकनिक सब बेकार की बतिया ,
चौबीस घंटे बस एक ही काम,
ऑफिस, काम और क्लाइंट काल !

भूल गए अब यार और मस्ती,
याद नहीं अपना घर और बस्ती,
साबुन के टुकडे सी हैं अपनी हस्ती,
बड़ती तोंद पर कमर हे झुकती !

ऊँची-ऊँची इमारते हैं, केवल कांच पत्थरो की,
काम करते जानवर जिसमे, जरूरत नहीं इंसानों की,
कुत्ते कमाते हड्डी यहाँ, भर-भर कर भौकने की,
और गधे काटते घास यहाँ, मर-मर कर काम करने की !

ना सुकून हैं, ना शोहरत हैं,
जो मिली, वो बस थोड़ी सी दौलत हैं !
और जले हैं अरमाँ जिसमे धू-धू कर,
ज़िन्दगी उसी राख़ की रौनक हैं !!

 

 

 

गले में पट्टा पहने, जैसे कोई कुत्ता
आँखों में ऐनक मने, आईटी का अँधा
की बोर्ड पर ऊँगली तोड़े, लगे कोई बन्दर
माउस से तमाशे करे, दिखे पूरा जोकर

बग को जो डवेलप करे, बनता वो डेवलेपर
डेवलेपर को जो टेस्ट करे, होता हे वो टेस्टर
बिना बात जो ज्ञान बांटे, बन जाता मेनेजर
और इन सबको जो कष्ट दे, वो हैं सबका बाप कष्टमर

9 responses to “Hell of IT Industry”

  1. ye zindagi se nikal na hai jaldi nahi too maar jaye ge bhaut jaldi,

    esliye bolta hoo dost CCD ke coffee pene se accha ek chaaa!!! ke dukan khol lete hai.

    “KHANE KAA, KHUJANE KAA BATI BHUJANE KA , SOO JANE KA”

    BINDASSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSS

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