ख़ुशी


रुई का गद्दा बेचकर दरी खरीद ली,
ख्वाहिशो को कम किया और ख़ुशी खरीद ली !

कुछ पुरानी पतलून बेचकर चड्डी खरीद ली,
क्रिकेट को छोड़ा और कबड्डी खरीद ली !

सबने ख़रीदा सोना मेने सुई खरीद ली
सपनो को बुनने जितनी डोर खरीद ली !

मेरी एक ख्वाहिश मुझसे मेरे दोस्त ने खरीद ली,
फिर उसकी हँसी से मेने अपनी ख़ुशी खरीद ली !

इस ज़माने से सौदा कर एक ज़िन्दगी खरीद ली,
दिनों को बेचा और शामे खरीद ली !

सपनो के सिनेमा में एक सीट खरीद ली,
चुकाया पूरा बिल और पक्की रसीद ली !

रुई का गद्दा बेचकर दरी खरीद ली,
ख्वाहिशो को कम किया और ख़ुशी खरीद ली !

9 responses to “ख़ुशी”

  1. सबने ख़रीदा सोना मेने सुई खरीद ली
    सपनो को बुनने जितनी डोर खरीद ली !
    लाजवाब शेर है … गहरा एहसास लिए … नए अंदाज़ की गज़ल …

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    • तारीफ के लिए शुक्रिया ! आपकी नज़र और आपकी तारीफ ने इस नाचीज़ का दिन बना दिया !
      आते रहिएगा ब्लॉग पर !

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