हम तेरा शहर छोड़ आये


उन बातो को यादों में छोड़ आये,
उन रातो को ख्वाबो में छोड़ आये |
फिर मिलने की आशा लेकर,
हम तेरा शहर छोड़ आये |

यारो की वो बस्ती छोड़ आये,
मस्ती की वो कश्ती छोड़ आये |
एक नया आसमान बनाने,
हम तेरी ज़मीन छोड़ आये |

उन पलो को पीछे छोड़ आये
बहारो के वो बागीचे छोड़ आये |
तेरी दुआओ की दावत खाकर
हम तेरा ही दामन छोड़ आये |

जिन सूरतो से थी रोशन शामे हमारी,
उन चेहरों को चाहकर भी छोड़ आये |
तनहा-अकेले, हँसते-मुस्कुराते
हम तेरा हर करम छोड़ आये |

वैसे खातिरदारी तो तूने भी खूब की थी,
हम ही अहसान उतारने के मौके छोड़ आये |
तेरे संग-संग हँसते-गाते,
हम तेरा ही चमन छोड़ आये |

इसीलिए कही हम दिल नहीं लगाते यारों
जहा दिल लगा वो जगह छोड़ आये |
कितनी कसक इस दिल में भरकर
हम तेरा वो आशियाँ छोड़ आये |

आंसूओ के आँचल औढ लाये
हँसी के बहाने छोड़ आये !
यादो से अपना दामन भरकर
हम तेरा शहर छोड़ आये !

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: