सौंप दो खुद को इश्क़ को
कि प्यार का महीना आ गया हैं
निभा लो प्रीत की रस्म को
कि प्यार का महीना आ गया हैं
होने दो इस जादू भरे जश्न को
कि प्यार का महीना आ गया हैं
झूमने दो मचलते जिस्म को
कि प्यार का महीना आ गया हैं
कह दो नफरतो वाली नस्ल को
कि प्यार का महीना आ गया हैं
क्या पाया है सीमाओ में बांधकर विश्व को
कि प्यार का महीना आ गया हैं
कुरेदो ना पुराने जख्म को
कि प्यार का महीना आ गया हैं
याद करो राधा और कृष्ण को
कि प्यार का महीना आ गया हैं
