Tag: Hindi Poem
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बम
उस घर पर बम ना गिराना कि वहाँ भी एक बेटा रहता हैंखटिया पर खांसता हुआ एक बुढा भी लेटा रहता हैं ! एक धमाका खामोश कर देता हैं मुस्कान कई माँऔ कीक्या बम बनाने वाले नहीं जानते कि माँ का भी कलेजा रहता हैं ! जहाँ बम नहीं गिर रहे वहाँ बन्दूके निकल आई…
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पुल
सपने अपने होते हैं, हकीकत बेगानी होती हैं जो मिल जाये ये दौनो तो महान जिंदगानी होती हैं ! वैसे ये ज़िन्दगानी भी किसी नदी की तरह होती हैं इसके एक किनारे पर सपने तो दूजे पे हकीकत होती हैं ! दौ किनारों को मिला सके ये हुनर तो खुदा में भी नहीं हम इंसानों…
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शहनाईयां
घडीबंद बाँहों में गलबाहियां मचलती हैं की अब हर तरफ बस शहनाईयां बजती हैं बहुत सुना चुके हैं ये बाग हमें बाँसुरी कि हर शाख से अब शहनाईयां ही बजती हैं क्या फरक पड़ता हैं खाये हम तीखा या नमकीन जुबाँ से तो शहद भरी शहनाईयां बजती हैं लो बुला लो कुछ ढोल और नगाडो…
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चाँद की तिजोरी
बादलो में छिपा दी हैं मेने चाँद की तिजोरी बारिश तक तो ना पकड़ी जायेगी अब मेरी चोरी चाँद को भी खबर नहीं और बादलो को भी नहीं हैं जानकारी इतनी शातिर तरीके से की हैं मेने ये कारीगारी वैसे चाँद की तिजोरी में नहीं हैं हीरे मोती जवाहरी उसकी तिजोरी में तो हैं बस…
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Hide and Seek
Park is not the only place where children can play But it provide a big and open space to play With assurance of the fact that it is no one’s territory. To play, a game must be fair and pure But, in hide and seek, one has to trick other By hiding the truth behind…
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रात
हर रात रूआसा कर जाती हैं आसुओं का काम आसां कर जाती हैं अखरती हैं अंगड़ाई कुछ इस कदर कि नरम शैया भी डोलती नैय्या बन जाती हैं ज़िन्दगी के बिस्तर पर किसी की कमी खल जाती हैं जब अपनी आह किसी की आहट को तरस जाती हैं और इस बात पर तबियत और बिगड़…
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मौसम
रूखे हाथो ने क्या सजावट की हैं कि आज फिर कोरे पन्नो पे लिखावट की हैं सर्द हवाओ ने मेरी चौखट पे ये आहट की हैं कि अल्फाज़ ही अब एक चीज़ राहत की हैं समेट लू धूप कि अब इसकी आदत सी हैं या ओढ़ लू अंगारे कि अब बात सेहत की हैं मुझसे…
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गीत : वो मंजिल मुझे मिलेगी जरूर …
आसमानों से आगे और क्षितिज से दूर, वो मंजिल मुझे मिलेगी जरूर … रब की होगी रजामंदी उसमे, और किस्मत को भी होगी कुबूल ! वो मंजिल मुझे मिलेगी जरूर … सामने हैं समंदर मेरे पर कश्ती हैं बहुत दूर लहरों की गुजारिश हैं संग खेलना हैं जरूर ! लगने दे डर थोडा, होने दे…
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करीम और केदार
करीम मेरा एक दोस्त हैं जिसका नाम करीम हैं, उसे लगता हैं मेरी हर ग़ज़ल ताज़ातरीन हैं ! ज़िन्दगी जीने का वो बड़ा शौक़ीन हैं अल्लाह पर भी उसको बहुत यकीन हैं ! अपने मोहल्ले का वो तबलची नामचीन है और मीठे से ज्यादा उसको पसंद आता नमकीन हैं ! वो कहता हैं कि मज़हब…
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वो गीतों में मेरे रंग भर देता हैं !!
वो गीतों में मेरे रंग भर देता हैं , छेड़कर तारों को तरंग भर देता हैं मेरे ही ख्वाबो ख्यालो को बुनकर इन गज़लों को मेरे संग कर देता हैं ! मैं सो भी जाऊ तो वो मेरे संग रहता हैं बेरंग सपनो को सतरंग कर देता हैं ये उसका ही हाथ रखा हैं मेरे…