
बात हैं सोच की

उन बातो को यादों में छोड़ आये,
उन रातो को ख्वाबो में छोड़ आये |
फिर मिलने की आशा लेकर,
हम तेरा शहर छोड़ आये |
यारो की वो बस्ती छोड़ आये,
मस्ती की वो कश्ती छोड़ आये |
एक नया आसमान बनाने,
हम तेरी ज़मीन छोड़ आये |
उन पलो को पीछे छोड़ आये
बहारो के वो बागीचे छोड़ आये |
तेरी दुआओ की दावत खाकर
हम तेरा ही दामन छोड़ आये |
जिन सूरतो से थी रोशन शामे हमारी,
उन चेहरों को चाहकर भी छोड़ आये |
तनहा-अकेले, हँसते-मुस्कुराते
हम तेरा हर करम छोड़ आये |
वैसे खातिरदारी तो तूने भी खूब की थी,
हम ही अहसान उतारने के मौके छोड़ आये |
तेरे संग-संग हँसते-गाते,
हम तेरा ही चमन छोड़ आये |
इसीलिए कही हम दिल नहीं लगाते यारों
जहा दिल लगा वो जगह छोड़ आये |
कितनी कसक इस दिल में भरकर
हम तेरा वो आशियाँ छोड़ आये |
आंसूओ के आँचल औढ लाये
हँसी के बहाने छोड़ आये !
यादो से अपना दामन भरकर
हम तेरा शहर छोड़ आये !
Dedicated to all my drinker friends
थोडा खुद को सजा दीजिये
कोई ना कोई नशा कीजिये
कब तक यु सेहत का मज़ा लीजिये
जख्मो को भी तो जगह दीजिये
चाहे जितनी मर्जी चंदा कीजिये
थोडा चखना और एक बोतल पर मंगा लीजिये
बेरहम ज़माने से बेखबर बनिए
बोतलों में बहकर बेशरम बनिए
फालतू की अब फिक्र छोडिये
सुरूर भरा कोई जिक्र छेडिये
आज ना गुनाहों पर पर्दा डालिए
जो बात दिल में हो बोल डालिये
बचपन की वो डायरी खोलिए
जवानी की वो शायरी बोलिए
अल्फाजो को आजाद कीजिये
ख्यालो को खुलेआम छोडिये
नशीली इन रातो में न सोच समझ दिखाइए
बस जाम पीजिये और जश्न मनाइये
Prose & Article Blog By Suman Sadekar
perspective can be different but reality is not
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“In three words I can sum up everything I've learned about life: it goes on.” ― Robert Frost
संजोया हैं समय से चुराकर, कुछ पलों को पन्नो पर!
The confessions of a distracted solitare
A creative man is motivated by the desire to achieve, not by the desire to beat others.
Welcome to the world of a princess
odyssey of a pyaasa musafir...livin vida loca
कविता लिखी नहीं जाती स्वतः लिख जाती है...
My Poems
Ankita Taranekar's Blog