बात हैं सोच की


4 responses to “बात हैं सोच की”

  1. रविवार की सुबह खुशनुमा हो गई आपकी पोस्ट पड़कर
    “जियो तो ऐसे जैसे नौकरी हो फौज की
    कल जान पर खेले थे, आज ज़िन्दगी झौक दी”
    ये मेरी पसंदीदा पंक्तिया हैं, बहुत खूब

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  2. बहुत ही लाजवाब लिखा हैं
    ईश्वर आपसे ऐसा अच्छा और खूबसूरत हमेशा लिखवाता रहे

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  3. very positive , very encouraging and motivational 👌👌👍👍👏👏 Keep Rocking , Keep winning hearts Ankit Bhai

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