कोई ख़ुशी दिल में खलबली मचा दे,
कोई गम दिल को लहूलुहान कर दे,
या खुदा, कर पैदा कुछ तो हालत ऐसे
जो ताउम्र मुझे तेरा तलबगार कर दे !
तेरी तरह धीरज नहीं धर सकता मैं
मन हे मासूम, कुछ कर नहीं सकता मैं
तू ही हैं जो मुझसे ज्यादा जान सकता हे मुझे
बना ऐसा मुक्क़द्दर जो मुझे तेरा मुरीद कर दे !
दौलत किसी गरीब को बक्श दे
सेहत किसी बीमार को बेच दे
गल नहीं मुझे गर गम परोस दे
बस हो एक हरकत जो तेरे होने की सोच दे !
किस्सों में सुना था तू बड़ा महान हैं
माँ को भी तुझ पर बहुत गुमान हैं
दिल को तेरी शख्सियत पर फिर क्यों सवाल हैं
कौन हैं ये खुदा और उसका क्या योगदान हैं !
तालीम तेरे होने की तरफदारी नहीं करती
कायनात तेरे अकेले की कारीगरी नहीं लगती
जाने क्या देखती हैं ये दुनिया इन पत्थरो-मजारों में
क्या हैं इनमे सूरत कोई जो मुझे दिखाई नहीं देती !
मुझ पर नहीं तो खुद पर रहम कर
तेरे अस्तित्व पर हैं सवाल, कुछ तो शरम कर
देख कभी तू इन बूत-ताबूत से निकलकर
बहा हैं खून बेहिसाब तेरे नामो-निशान पर !
उम्मीद तू देता हैं तो नफरत कौन सिखाता हैं
दोस्त तू बनाता हैं तो दुश्मनी कौन कराता हैं
तू दवा भी देता हैं और दर्द भी बढाता हैं
कितनी दोगली हैं हस्ती तेरी, आग लगाकर पानी भी बरसाता हैं !
सोचता हूँ दुनिया से तेरा नाम ही मिटा दू
ना अल्लाह को कोई जाने, ना राम का नाम हो
न जिये कोई तेरे करम से, ना तेरे नाम पे खाक हो
इंसानियत के हक में बस ये एक गुनाह माफ़ हो !
तेरे जोग में मैं जोगी बन जाऊंगा
या आँखे मूंदकर भोगी बन जाऊंगा
अज्ञान के अंधेरो की कालिख बन जाऊंगा
या नयी इबारत तेरे नाम की लिख जाऊंगा !
4 responses to “खोज खुदा की”
Wonderful! Awesome!!
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Baat to sach hai..
The concept of an almighty lord was thr so that ppl can pray to Him, to keep up thr spirits up in tough times, to build the faith in gud..
Howver, on the name of God, ppl conceal thr cowardice, laziness n moreover use His name as a reason to hate others.
I too think, world will be a better place to live, if this concept is eradicated completely.
Wonderful poetry. Keep it up!
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सोचता हूँ दुनिया से तेरा नाम ही मिटा दू
ना अल्लाह को कोई जाने, ना राम का नाम हो
न जिये कोई तेरे करम से, ना तेरे नाम पे खाक हो
इंसानियत के हक में बस ये एक गुनाह माफ़ हो !
really very nice Ankit 🙂
Dharm ke namm par hamarae yaha sirf nafrat hi faili hui hai…
sab ka 1 hi dharm ho insaniyat 🙂
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Nice dil ko cho liya dharam kuch nahi hota hota h to bus ensaniyat bus ensaniyat ese se bardha na koi khuda h na aur
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