बात ज्यादा पुरानी नहीं हैं, यही कोई जनवरी का महीना था | मैं चाय बना रहा था और टीवी पर बालीवुड के अभिनेताओ की तुलना करते हुए कोई कार्यक्रम चल रहा था | वो अभिनेताओ को १, २, ३ ऐसे क्रम में बाँट रहे थे | खैर मुझे तो किसी भी कला में नाम कमा रहे लोगो में किसी को पहले नंबर पर रखना, किसी को दुसरे नंबर पर रखना कभी भी पसंद नहीं हैं, क्योकि मैं समझता हूँ कि कला एक साधना हैं कोई प्रतियोगिता नहीं | पर टीवी पर चल रही उस बहस ने मुझे एक कमाल का तुलनात्मक अध्ययन करने को प्रेरित किया | मैंने चाय बनाते हुए अभी के समय में लोकप्रिय ५ अभिनेताओ के अभिनय पर बारीकी से सोचा और ये रोचक निष्कर्ष निकाला –
- सलमान खान – आप उन्हें पसंद करे या ना करे, पर निस्संदेह वो अभी के समय के सबसे बड़े स्टार हैं | एक अभिनेता के तौर पर लोकप्रिय बनाने वाला हर रसायन उनके व्यक्तित्व में मौजूद हैं | उनका अभिनय चाय की खुशबु के सामान हैं | आप चाहे जितना भी पानी डाले, दूध मिलाये, शक्कर और पत्ती से उकाले पर अंत में पीने वाले का मन तो उस चाय की खुशबु से ही भर जाना हैं | और लोग उस खुशबू के इतने दीवाने हैं कि वो सोचते ही नहीं कि चाय का रंग कैसा हैं, स्वाद कैसा हैं | उन्हें तो बस खुशबू का आनंद लेना हैं और उसी में खो जाना हैं |
- शाहरुख़ खान – शाहरुख़ खान का अभिनय चाय को आँच पर रखकर दी जाने वाली उकाली जैसा हैं | एक अभिनेता के तौर पर उनकी मौजूदगी इस बात का प्रमाण हैं कि फिल्म रूपी चाय बहुत उकलने वाली हैं | और इतना उकलने के बाद जब दर्शक इस चाय को पीता हैं तो उसे एकदम गहरे रंग की कड़क और झन्नाटेदार चाय का अहसास होता हैं | असल में शाहरुख़ के अभिनय में तीव्रता इतनी अधिक हैं कि फिल्म की दूसरी बाते बहुत पीछे छुट जाती हैं और दर्शक महसूस करते हैं तो उनके द्वारा निभाया गया किरदार | फिर चाहे वो डर/बाज़ीगर का सरफिरा आशिक हो या डीडीएलजे/कुछ कुछ होता हैं का बिंदास प्रेमी, कोच कबीर खान हो या मेजर राम…हर किरदार इतना उकाली लिया हुआ प्रतीत होता हैं कि देखने वाले को बस शाहरुख़ और शाहरुख़ ही याद रहते हैं |
- आमिर खान – आमिर खान का अभिनय तौल-मौल कर बनायीं गयी उस चाय के जैसा हैं जिसमे सब कुछ बराबर हैं | चाय, शक्कर, दूध, पानी, अदरक और आँच – सब कुछ बराबर मात्रा में मिलाने के बाद जब इस चाय को कोई पीता हैं तो उसे संपूर्ण चाय का अहसास होता हैं | चाय का रंग, कड़कपन, मिठास, गर्माहट सब कुछ एकदम परफेक्ट लगता हैं | एक अभिनेता के तौर पर आमिर अपने आप को तो बहुत पीछे छोड़ देते हैं और कहानी में पूरी तरह रमे दिखाई देते हैं | इसीलिए तो फिल्म देखने के बाद लोगो को याद रहती हैं तो एक कहानी और उससे जुड़ा हर एक किरदार, ना कि आमिर खान | आप देख लीजिये कभी भी लगान, थ्री इडीयट, जो जीता वही सिकंदर या पीके, ये अपने आप में इतनी सम्पूर्णता वाली फिल्मे हैं कि आपको इनसे जुड़े हर एक किरदार, हर एक छोटी सी छोटी बातो से प्यार हो जाता हैं |
- अक्षय कुमार – अक्षय कुमार का अभिनय पत्ती जैसा हैं | दूध चाहे जितना भी पड़े, पानी कितना भी मिले, शकर हो या ना हो और आँच बराबर लगे या ना लगे, रंग तो पत्ती को ही जमाना हैं | और अगर दूध, पानी और आँच भी बराबर मिल जाये तो इस चाय के क्या कहने | एक अभिनेता के तौर पर अक्षय कुमार में सब कुछ हैं, चालाकी भी तो मासूमियत भी, पौरुषता हैं तो भावुकता भी, अल्हड़ता हैं तो परिपक्वता भी | हर एक किरदार में अक्षय कुमार अपना एक अलग रंग दिखाते हैं और अपनी ऊर्जावान व्यक्तित्व से प्रभावित करते हैं | इसीलिए तो कुछ बेसिर-पैर की फिल्मो में भी अक्षय कुमार गज़ब का रंग जमाते हैं | और जब उन्हें अच्छी पटकथा और निर्देशन मिले तो वो इतना कमाल कर जाते हैं कि हर कोई यही बोलता हैं कि ये किरदार अगर अक्षय कुमार के अलावा के अलावा किसी और ने किया होता तो शायद वो मजा नहीं आता |
- अजय देवगन – साधारण से दिखने वाले इस अभिनेता का अभिनय अदरक जैसा हैं, जिसे गली-मोहल्ले के कोने में मिट्टी से उखाड़ लिया हो और कूटकर चाय में उकाल दिया हो | और जब इस चाय को कोई पीता हैं तो चाय कि चुस्कियो के साथ गले में वो गज़ब का अहसास होता हैं कि हर कोई उस अदरक का कायल हो जाता हैं | अजय देवगन की खलिश भरी आवाज़ और समंदर से गहरी आँखे गज़ब का प्रभाव उत्पन्न करती हैं | इसीलिए तो ऐश्वर्या राय और सलमान खान की मौजूदगी से सजी रंग-रंगीली फिल्म “हम दिल दे चुके सनम” देखकर निकले दर्शको को कुछ याद नहीं रहता सिवाय अजय देवगन के भाव-प्रणय अभिनय के | गंगाज़ल देखकर निकले दर्शक अपने अन्दर भ्रष्टाचार और अराजकता के प्रति गज़ब का गुस्सा महसूस करते हैं और हाल ही में दृश्यम देखने के बाद तो अजय देवगन हमको भी रटवा कर ही मानते हैं – २ अक्तूबर को हम पणजी गये थे नित्यानंद जी के प्रवचन सुनने |
खैर मेरी चाय तो इस ख्याल के साथ ही पक चुकी थी | आप भी आनंद लीजियेगा इस चाय का और बताइयेगा कि कैसी लगी ये पेशकश |